Parvovirus in Dog and its Precautions

 कुत्ते में पर्वोवायरस और इसकी सावधानियां



आपने इस जानलेवा वायरस (पर्वोवायरस) का नाम कभी न कभी सुना ही होगा अगर नहीं भी सुना तो आज हम बतात्ते है की यह क्या है। यह वायरस अधिकतर कुत्ते में होता है अगर कोई कुत्ता इस वायरस की चपेट में आ जाये तो वह लगभग 2 या 3 दिनों में मर सकता है और आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे क्यूंकि इसका कोई इलाज भी नहीं है। इसलिए सही जानकारी और कुछ सावधानियां रखने से आप अपने कुत्ते को इस जानलेवा बिमारी से बचा सकते है। 


वायरस फैलाने के कारण:- 

इस वायरस के फैलने का मुख्य कारण सिर्फ एक ही है की यदि आपका कुत्ता किसी ऐसे कुत्ते के सम्पर्क में आये जो इस वायरस से ग्रसित हो तो यह वायरस आपके कुत्ते में भी आ सकता है। इसके इलावा अगर कोई कुत्ता जो इस वायरस से ग्रसित है और उस्सकी पॉटी या उलटी इत्यादि आपका कुत्ता सूंघ या खा लेता है तो उसे ये वायरस होने के आसार है। 


वायरस के लक्षण:-

1. अधिक बुखार या तापमान में गिरावट:- यदि आपके कुत्ते को अचानक से तेज बुखार या तापमान में गिरावट आए तो ये लक्षण इस वायरस के हो सकते है। इसमें कुत्ता ठंड से काम्पंना शुरू हो जाता है और सुस्त रहना शुरू क्र देता है अगर ऐसे कोई लक्षण आपके कुत्ते में आये तो जल्दी से जल्दी अपने नजदीकी पशु चिकित्सा में ले जाएँ। 

2. खाना खाना छोड़ देना :- यदि किसी कुत्ते को यह बीमारी लग जाये तो वह खाना खाना छोड़ दे और उसका वजन अचानक से कम होने लग जाये तो यह वायरस के कारण हो सकता है। 

3. खून वाली उलटी या पॉटी :- अगर किसी कुत्ते के उलटी या पॉटी में खून आये तो यह वायरस हो सकता है इससे कुत्ते को बाहर न ले जाये। 

अगर इनमे से कोई भी लक्षण आपके कुत्ते में हो तो उसे बाहर न ले जाएँ वर्ण यह वायरस और कुत्तों को भी हो सकता है जल्दी हो सके कुत्ते को डॉक्टर को दिखा लें। 

सावधानियां व् उपचार:- हालाँकि अभी तक इस बीमारी का कोई भी उपचार नहीं है परन्तु यदि समय रहते पता चल जाये और उपचार समय पर शुरू हो जाये तो कुत्ते की जान बचाई जा सकती है। 

1. समय समय पर वैक्सीन लगते रहे,  इससे बचने के लिए वैक्सीन लगाए जो की हर एक वर्ष के बाद लगाई जाती है। इस वैक्सीन से बीमारी होने का खतरा कम हो जाता है। 

2. अगर आपके कुत्ते में ऊपर दिए गए कोई भी लक्षण दिखे तो उससे बाहर न ले जाएँ इसके विपरीत यदि आपके पड़ोस में किसी कुत्ते को ऐसे लक्षण दिखे तो अपने कुत्ते को घर पर ही रखें। 

3. कुछ खास कुत्तों की प्रजातियां जैसे लेब्राजर्मन शेफर्ड, पिटबुल (अमेरिकन ) और रॉटविलर आदि प्रजाति में यह बीमारी ज्यादा फैलती है। 

4. छोटे पिल्लों में यह बीमारी फैलने का ज्यादा संभावनाएं होती है इसलिए उन्हें बाहर ज्यादा न रखें और यदि आपका कुत्ता इस बीमारी से मर जाता है तो अगला कुत्ता कुछ समय के बाद ही लाएं हो सकते तो एक साल बाद ही नया कुत्ता लें और यदीन ऐसा न कर सकें तो अपने घर को कुछ दिन पहले से फिनॉल के साथ साफ़ करना शुरू करें ऐसा 4-5 दिन करने के बाद ही नया कुत्ता घर लाएं।